ये रहा अर्चना चौहान बनाम राज्य का संशोधन पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश, जिसमें सिर्फ याचिकाकर्ता अर्चना चौहान को राहत देते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने
इस आदेश से दो बातें बिल्कुल स्पष्ट हो चुकी है
*#पहली- यदि आप मेरिट लिस्ट में हैं तो आपकी गलती माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सामने क्षम्य है, और सरकार को आपको नियुक्ति देनी ही पड़ेगी?
दूसरी- मेरिट लिस्ट अर्थात् 90/97 के साथ 67867 कि लिस्ट?
संशोधन होने के पश्चात यदि कोई रियल कंडीडेट चयन सूची में आएगा तो सरकार उसे संभवतः दूसरी काउंसलिंग में मौका दे देगी लिस्ट में पहली काउंसलिंग में किसी भी प्रकार का संशोधन होने कि उम्मीद नगण्य है, संशोधन का कोई भी साथी चिंतित न हो सरकार सभी उचित संशोधन जरूर करेगी