प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि इंटरमीडिएट के बाद किया गया प्रेरक प्रशिक्षण सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए मान्य है। कोर्ट ने जैसी अर्हता रखने वाली सहायक अध्यापक को वेतन व एरियर के लिए भुगतान का निर्देश दिया है। पूजा कुमारी की आज के शुभ प्यार करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र प्रथम ने दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि आखिर 68500 सहायक अध्यापक के लिए चयनित हुई। 4 सितंबर 2018 को उसे नियुक्ति पत्र दे दिया गया और उसने गोरखपुर में सहायक अध्यापक पद पर ज्वाइन कर लिया। मगर बीएसए गोरखपुर न्यूज़ का वेतन इस आधार पर रोक दिया कि याची ने राजस्थान में इंटरमीडिएट के बाद 2 वर्ष का डीलर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। जबकि स्नातक के बाद 2 वर्ष का प्रशिक्षण होना चाहिए।
बीएसए ने इस संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र भेजा मगर उस पर कोई जवाब नहीं आया तो हाई कर्ट में याचिका दाखिल की गई। अधिवक्ता का कहना था कि एनसीटी द्वारा जारी 30 अगस्त 2010 की अधिसूचना के अनुसार सहायक अध्यापक के लिए इंटरमीडिएट में 50% अंकों के साथ उत्तरी और 2 वर्षीय प्रशिक्षण चाहे वह किसी के नाम से जाए आवश्यक है।