लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की सहायक अध्यापक जो सत्तारूढ़ दल के सांसद विधायक एवं पार्टी पदाधिकारियों के करीबी रिश्तेदार हैं। उन्हें मनचाही तैनाती का तोहफा मिल सकता है। चुनावी वर्ष में जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों को संतुष्ट करने के लिए तबादले शासनादेश से कराने की कवायद शुरू की गई है।
सूत्रों के मुताबिक बेसिक शिक्षा परिषद में इस पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। तबादले की अर्जी लेकर सचिवालय पहुंच रहे सत्ता और संगठन के लोगों को ताकीद किया। जा रहा है कि सिर्फ अपने करीबी रिश्तेदार या परिवार के सदस्य के तबादले की अर्जी दे। इसके बाद तैयार लिस्ट की चटनी पर शासनादेश का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री की मंजूरी ली जाएगी। सीएम की हरी झंडी मिलते ही तबादलों की आदेश जारी किए जाएंगे।
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने 2019 में तबादलों के लिए आवेदन मांगे थे। 54,000 तबादलों की मंजूरी के बावजूद 21000 से अधिक सहायक अध्यापकों की ही अंतर्जनपदीय तबादले किए गए। हर विस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सहायक अध्यापक तबादले से वंचित रहें हैं।