बिना आदेश के चलाई जा रही मोहल्ला क्लास, लखनऊ मंडल के लगभग सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने मोहल्ला क्लास से झाड़ा अपना पल्ला
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में इन दिनों बच्चों को नहीं बुलाया जा रहा है, ऐसे में बच्चे शिक्षा से वंचित न हो इसके लिए काफी संख्या में शिक्षकों ने बिना किसी आदेश के मोहल्ला क्लास की शुरूआत की है। लेकिन ये पहल उनके लिए भारी पड़ रही है।
राजधानी समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में शुरू हुई इस पहल से बच्चों को तो लाभ मिल रहा है, लेकिन जब शिक्षक स्कूल से निकलकर गांव की ओर जाते हैं उनके साथ छेड़छाड़ जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। जिसमें गुरूवार को सीतापुर की घटना सबसे बड़ा उदाहरण बन गयी।जहां संधना थाना क्षेत्र एक शिक्षिका जो मोहल्ला क्लास चलाकर बच्चों का भविष्य सरवांरने निकली थी लेकिन दो लोगों न उससे छेड़छाड़ किया। इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज की गयी है। इसी तरह से गोंडा में एक प्रकरण सामने आया इस संबंध में शिक्षिका ने बीएसए से मदद भी मांगी जिसकी कोई मदद नहीं की गयी, वहीं लखीमपुर, बांदा, बलिया, देवारिया, हाथरस व हमीरपुर से महिला शिक्षकों से अभ्रदता की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन विभाग अधिकारी इस पर चुप्पी साधे रहते हैं।
मोहल्ला क्लासें जहां-जहां भी चल रही है, उसमें ग्रामीणों को भी सहयोग करना चाहिए, बाकी शिक्षकों को कोई जबरदस्ती नहीं है। -बुद्ध प्रिय सिंह, बीएसए.लखीमपुर
शिक्षकों ने खोला मोर्चा
दिन हो रही महिला शिक्षकों की घटनाओं को देखते हुए शिक्षकों ने जिम्मेदार हुक्मराने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस संबंध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष महेश मिश्रा ने एसपी आरपी सिंह से फोन पर बातचीत कर सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिक्षकों की मांग है सीतापुर जैसी घटनाएं न हो इस पर पुलिस प्रशासन को भी आगे आना होगा और विभाग के अधिकारियों को भी ध्यान देना होगा।
मोहल्ला क्लास चलाने का कोई स्पष्ट आदेश नहीं
सरकारी स्कूलों के तहत गांव-गांव में मोहल्ला क्लास चलाये जाने का स्पष्ट आदेश नहीं है, लेकिन फिर भी शिक्षक अपने प्रयास से ये जोखिम उठा रहे हैं, हैरानी की बात ये ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सुरक्षा के नाम पर पुलिस की भी लापरवाही सामने निकल कर आती है।
बच्चे स्कूलो में बुलाया जाना चाहिए, मोहल्ला क्लास से कुछ नहीं होने वाला है, भले ही कोरोना की सख्त गाइडलाइन का पालन करना पड़े।-महेश मिश्रा, मंडलीय व जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,
क्लास के लिए कोई ऊपर से आदेश नहीं है, लेकिन शिक्षकों ने पहल शुरू की है तो ये अच्छी बात है, गांव वालों को सहयोग करना चाहिए।-दिनेश कुमार, बीएसए लखनऊ
शिक्षक अपने प्रयास से मोहल्ला क्लास चला रहे हैं, ऊपर से आदेश कोई भी नहीं है, लेकिन ये पहल सराहनीय है, इसका सम्मानहोना चाहिए ।-हेमंत राव, बीएसए हरदोई)