लखनऊ: राजकीय माध्यमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर चयनित हुए थे 3 महीने से नियुक्ति पत्र लेकर चक्कर काट रहे हैं। इन शिक्षकों को वह स्कूल आवंटित कर दिए गए हैं जहां विषय का याद तो पद नहीं है या फिर एक पद के सापेक्ष दोनों चैनलों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया है। करीब 21 चयनित अभ्यर्थियों के साथ ऐसा हुआ और अब उनकी सुनवाई नहीं हो रही है गलत नियुक्ति पत्र में संशोधन को लेकर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा विभाग एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहा है वही अभ्यर्थी परेशान है।
जौनपुर की राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सराय खानी मेंसंस्कृत विषय के सहायक अध्यापक का एक ही पद खाली था और यहां दो -दो को नियुक्ति पत्र देकर भेज दिया गया है। सहायक अध्यापक पद पर चयनित रिंकी यादव कहती है कि जब वह नियुक्ति पत्र लेकर स्कूल गई तो उन्हें बताया गया कि यहां तो पहले ही एक शिक्षिका ज्वाइन कर चुकी है 29 अक्टूबर को डीआईओएस की ओर से निदेशालय को पत्र भेजकर त्रुटिपूर्ण नियुक्ति पत्र जारी होने की जानकारी भी भेज दी गई थी लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ… । वहीं राजकीय हाई स्कूल भाकुरा जौनपुर में संस्कृत शिक्षक पद पर ज्वाइन करने पहुंचे विद्रेस कुमार पाल को भी लौटा दिया गया है। यही हाल राजेश कुमार मौर्य सुनील कुमार सुनीता संगीता पटेल सुनील कुमार रमेश अशोक कुमार यादव व शिवेंद्र तिवारी का भी है।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पारसनाथ पांडेय कहते हैं कि 23 अक्टूबर को ऑनलाइन नियुक्ति पत्र वितरित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 3317 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। गलती अधिकारियों ने की और परेशानी चयनित अभ्यर्थियों रहे हैं। उधर माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला का कहना है कि नियुक्ति पत्र में संशोधन के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड से गुजारिश की गई है। वह में बदलाव करें। दरअसल बदलाव वहीं से हो सकता है लेकिन वह इसके माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से कराने की बात कह रहा है।