लखनऊ: सब पढ़े सब बढ़े। कोई पीछे ना रहे। सभी को समान अवसर मिले। इसी उद्देश्य शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों को दुर्बल आय वर्ग के बच्चों का भी दाखिला लेना अनिवार्य किया गया है लेकिन उनकी मनमानी जारी है। स्कूल में प्रवेश न देने वाले ऐसे स्कूलों के खिलाफ नोटिस जारी की गई है बड़ा सवाल यह है कि दाखिला पाने वाले बच्चों का भविष्य क्या होगा? क्या इन बच्चों को यह सत्र बिना पढ़ाई के ही समाप्त हो जाएगा अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग हर तरह की मनमानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ सिर्फ नोटिस जारी कर खानापूर्ति तक ही सीमित रखी गया कार्रवाई भी करेगा।
30 अगस्त तक होना था बच्चों का प्रवेश — राजधानी समेत प्रदेश भर में आरटीआई के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए इस बार तीसरे चरण में 17 जुलाई से 10 अगस्त 2020 तक आवेदन करना था। 11 से 12 अगस्त के बीच जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन पत्र का सत्यापन कर उन्हें लाख किया गया विभाग की उसे 14 अगस्त 2020 को लॉटरी निकाली गई और 30 अगस्त 2020 तक पात्र बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित कराया जाना था। मगर हर साल की तरह इस साल भी जिम्मेदार तमाम बच्चों को दाखिला दिलाने में नाकाम साबित हुए।
इन स्कूलों को जारी किया गया नोटिस
एलपीएस राजाजीपुरम , सेंट जोसेफ राजाजीपुरम, सीएमएस स्टेशन रोड, बाल विद्या मंदिर चारबाग।