प्रयागराज: कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा। की लोकोक्तियां अब खंड शिक्षा अधिकारी के चयन में चरितार्थ आ रही है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसमें गजब का गाल मेल करते हुए भाजपा सरकार की नियमावली और बसपा काल के शासनादेश को मिलाकर एक नया आधार बना दिया ।
खास बात यह है कि नियमावली में खंड शिक्षा अधिकारी पद नाम का जिक्र तक नहीं है वही शासनादेश में जो पद शिक्षा सवंर्ग ख काहे उनका विज्ञापन शिक्षा सवंर्ग ग के तहत जारी हुआ है। यानी अधिकारियों ने दोनों जगह से अपनी सहूलियत के हिसाब से बिंदु चयनित कर दिए यह नौबत इसलिए आई क्योंकि ब्लू पदनाम की सेवा नियमावली की अब तक नहीं बन सकी है। प्रदेश में खंड शिक्षा अधिकारियों की कमी विभाग कुल 1031 में से 309 रिक्त पदों पर नए सीईओ का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से करा रहा । लेकिन यह चैन विसंगतियों से भरपूर है इसकी जानकारी आवेदकों को तो नहीं है लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी संवर्ग खासा नाराज है । क्योंकि आयोग ने इसका विज्ञापन शिक्षा सेवा संवर्ग ग के जारी है।
कार्मिकों के आदेश का उल्लंघन- कार्मिक विभाग के आदेश अनुसार 46 ग्रेड पे से पर 54000 ग्रेड पर के अधिकारी समूह ख के तहत आते हैं। छठे और सातवें वित्त आयोग में इसका स्पष्ट उल्लेख है। फिर भी आयोग ने 48 ग्रेड पे वाले खंड शिक्षा अधिकारी का समूह ग दर्ज किया है।
इन दिनों बेसिक व माध्यमिक का संवर्ग तय हो रहा है। बीईओ की नियमावली अभी प्रारंभिक स्तर पर ही है। इसीलिए नए पदों का चयन पुरानी निमोली से कराया जा रहा है। – — रेणुका कुमार प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा