लखनऊ: राज्य पोषण मिशन की लापरवाही प्रदेश की सवा करोड़ बच्चों पर अप्रैल से भारी पड़ सकती है। पोषाहार पाने वाले अभ्यर्थियों के लिए आधार अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन योजना में शामिल ज्यादातर बच्चों का आधार अब तक नहीं बन पाया है। ऐसे में उन बच्चों को पोषाहार बांटने में दिक्कत आएगी।
दरअसल केंद्र सरकार ने अप्रैल से पोषाहार पाने वाली 6 साल तक के बच्चों के लिए भी आधार अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर आधार किट भी रखने के भी निर्देश दिए गए थे। ताकि आसानी से लाभार्थी बच्चों का आधार बनाया जा सके। लेकिन बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही में अब तक आधार किट की खरीद तक नहीं हो पाई है ऐसे में अप्रैल से आधार आधारित पोषाहार वितरण व्यवस्था शुरू होना संभव नहीं दिख रहा है। विभाग के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि जेम पोर्टल से आधार किट खरीदने की प्रक्रिया काफी लंबी है और अब तक प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाई है । इसीलिए तय समय तक सभी केंद्रों पर आधार किट उपलब्ध होना मुश्किल है। सिमिलर भर्ती बच्चों को पोषाहार मिलने में दिक्कत हो सकती है।
एक आधार नामांकन की किट में डेस्कटॉप, लैपटॉप या टैबलेट स्कैनर, प्रिंटर, स्लैप , फिंगरस्टिक स्केनर, आईरिस स्केनर व सीजीएस डिवाइस रखना अनिवार्य है। इसलिए इतने उपकरण एक साथ खरीदने को लेकर भी दिक्कत आ रही है।