लखनऊ: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा अपनाई जाने वाली द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के तहत प्रारंभिक अर्हता ( पीईटी) कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में चयन आयोग द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम और परीक्षा कार्यक्रम को मामूली संशोधन के साथ सैद्धांतिक सहमति दे दी है। मुख्यमंत्री द्वारा जल्दी परीक्षा कराए जाने के निर्देश पर आयोग, गुरुवार को पाठ्यक्रम आदि की जानकारी दे सकता है। बुधवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर उनके समक्ष पीईटी के पाठ्यक्रम और परीक्षा कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण किया गया। आयोग की अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने मुख्यमंत्री को पीईटी को लेकर की जाने वाली तैयारियों से अवगत कराते हुए परीक्षा संबंधी योजना और पाठ्यक्रम की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इसमें कुछ संशोधन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा का आयोजन पूरी तैयारी के साथ किया जाए। परीक्षा का परिणाम भी जल्द घोषित हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी विभागों में रिक्त पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया तेजी से संपन्न की जा रही है। रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली के आधार पर सफल अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध होगा। इसके दृष्टिगत परीक्षा कार्यक्रम को पूरी तेजी से आगे बढ़ाते हुए पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से परीक्षा प्रक्रिया को संचालित किया जाए।
कहां की सरकार की लगभग 4 वर्ष के कार्यकाल में 400000 युवाओं को नौकरी मिली है। निरंतर सुधार के प्रयास से वर्तमान में लोक सेवा आयोग,पुलिस भर्ती बोर्ड सहित सभी चयन आयोग की परीक्षा व भर्ती प्रक्रिया के प्रति अभ्यर्थियों का भरोसा बहाल हुआ है। इसके दृष्टिगत भविष्य में भी परीक्षा में भर्ती कार्यक्रम को मिशन प्रेरणा के तहत पूरी तेजी से संचालित किया जाए। आयोग को परीक्षा में 30 लाख से ज्यादा की बैठने की उम्मीद है। ऐसे में व्यापक पैमाने पर तैयारी करने परीक्षा अप्रैल अंत में या मई के अंत में कराई जा सकती है।