प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में खंड शिक्षा अधिकारी भर्ती में आरक्षण लागू करने में अनियमितता को लेकर दाखिल याचिका पर प्रदेश सरकार सेवा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से जवाब तलब किया है। कोट की याचिका को भर्ती परीक्षा में चयनित हो चुके अभ्यर्थियों की पक्षकार बनाने की छूट दी है।
अशोक कुमार सिंह व अन्य पिछड़ा वर्ग के अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सुनवाई की। याचिका में भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण लागू भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण लागू करने से व्यापक अनियमितता का आरोप लगाया गया है। साथ ही 30 जनवरी 2021 को जारी चयन सूची रद्द करने की मांग की गई। अधिवक्ता मुस्तकीम अहमद,राजेंद्र सिंह यादव व अंकिता सिंह के अनुसार 13 दिसंबर 2019 को बीईओ के 309 पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन की धारा 7आरक्षण कानून का पालन करने की बात कही गई थी। 6 दिसंबर 2020 को मुख्य परीक्षा में 4182 अभ्यर्थियों ने भाग लिया और 30 जनवरी 2021 को चयन सूची जारी कर दी गई लेकिन इस चयन सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग के केवल 31 अभ्यर्थियों का रखा गया है। जबकि 309 पदों के सापेक्ष 27% के हिसाब से 83 ओबीसी अभ्यर्थियों को चयन सूची में शामिल किया जाना चाहिए। कहां गया है कि इस प्रकार 30 जनवरी 2021 को चयन सूची इस भर्ती के विज्ञापन की धारा 7 के विपरीत है। पक्षकारों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने 4 सप्ताह में आयोग को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही याची गढ़ से कहा है कि वह इस दौरान चयनित अभ्यर्थियों को भी याचिका में पक्षकार बनाएं