लखनऊ: शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं बढ़ाने की सरकार की घोषणा से उसमें निराशा है। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि डेढ़ लाख शिक्षामित्रों और उनकी परिवार सरकार के फैसले से ठगा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार में उम्मीद थी कि वह संकल्प पत्र में दिए गए वादे के अनुसार शिक्षा मित्रों के लिए कुछ करेंगी। समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों को 40000 महीने वेतन की जगह मात्र 10000 महीने मानदेय दिया जा रहा है। आर्थिक स्थिति खराब होने से 15,000 से अधिक शिक्षामित्र जान गवा चके हैं।
उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि कोरोना कॉल मी सरकार शिक्षामित्रों को राहत देगी। स्कूलों में सहायक अध्यापक और शिक्षा मित्र एक समान कार्य कर रहे हैं। शिक्षामित्रों को जहां ₹10000 मानदेय मिल रहा है वहीं सहायक अध्यापक पचास हजार यह उससे ज्यादा महीने की वेतन पा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर शिक्षा मित्रों के साथ दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।