प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों कि शिक्षकों के पारस्परिक तबादले के आधे से अधिक आवेदन निरस्त हो गए हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षकों की सेवा अवधि बढ़ाने के कारण हजारों शिक्षकों के घर वापसी का सपना टूट गया है। दिसंबर 2019 में अंतरजनपदीय तबादले के साथ ही 9641 शिक्षकों ने पारस्परिक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।
दिव्या गोस्वामी की ओर से दायर याचिका में हाईकोर्ट ने सेवा नियमावली के अनुरूप सेवा अवधि रखे जाने के आदेश दिए थे। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षकों के लिए पांच और शिक्षिकाओं के लिए 2 साल की सेवा अवधि अनिवार्य कर दी थी। पहले यह पुरुष व महिला शिक्षक के लिए क्रमश 3 व 1 साल की सेवा वध की अनिवार्यता थी।
सूत्रों के अनुसार इसके चलते तकरीबन 5000 सीटों के पारस्परिक तबादले की आवेदन निरस्त हो गए हैं। अधिकांश शिक्षकों को ही नुकसान हुआ है क्योंकि उनके लिए 2 साल का अंतर हो गया। दिसंबर 2019 में आवेदन के एक साल बाद तबादले होने से शिक्षिकाओं की सेवा अवधि तू अपने आप 2 साल पूरी हो गई लेकिन पूर्व शिक्षकों के तबादले फंस गए। जो शिक्षिकाएं पूर्व शिक्षकों के साथ पारस्परिक तबादला लेना चाह रही थी उनकी आवेदन भी निरस्त हो गए हैं। शासन के आदेश के क्रम में बेसिक शिक्षा परिषद 15 से 17 फरवरी के बीच तबादला आदेश जारी करने की तैयारी में है।
शिक्षकों के साथ परिवार भी हुआ मायूस–
बदली मांगों के कारण चीन शिक्षकों का तबादला रुका है उनका पूरा परिवार उदास हो गया है। बरेली से अयोध्या, दीपक यादव गोंडा से बागपत, राज लाल यादव जौनपुर से आजमगढ़, सतीश कुमार यादव गोंडा से अयोध्या, आशुतोष गोंडा से फर्रुखाबाद, बबलू गंगवार गोंडा से शाहजहांपुर, अनुराग सिंह गंगवार देवरिया से फर्रुखाबाद, और नवनीत गोंडा से फर्रुखाबाद जाना चाहते थे। पूर्व के 3 एवं 1 साल के मानक में उनका तबादला तय था। लेकिन सेवा अवधि 5 ओवर 2 साल होने पर उनकी आवेदन निरस्त हो गए।