लखनऊ: राज्य सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश शैक्षिक संस्थान ( अध्यापक संवर्ग आरक्षण ) विधेयक 2021 को मंगलवार को कैबिनेट बाई सरकुलेशन मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए प्रत्येक राजकीय विश्वविद्यालय को अलग-अलग यूनिट मानकर आरक्षण का निर्धारण किया जाएगा। इसी तरह सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को भी प्रत्येक को अलग-अलग यूनिट मानकर आरक्षण निर्धारित किया जाएगा। जबकि सभी राजकीय महाविद्यालय को एक यूनिट मानते हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण निर्धारित किए जाएंगे। इस विधेयक को मंजूरी केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों अधिनियम 2019 के अनुसार दी गई है। विधानमंडल के बजट सत्र में इस विधेयक को दोनों सदनों में रखा जाएगा
भारत सरकार ने केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों अधिनियम 2019 में सीधी भर्ती के लिए अधिनियम 2019 में सीधी भर्ती के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय या संस्था को एक यूनिट मानते हुए आरक्षण लागू किया है। जबकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सीधी भर्ती में एससी 21%, सीएसटी को 2% और ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाता है। अभी तक प्रत्येक विषय के विभाग को इकाई मानकर आरक्षण निर्धारित किया जाता है आरक्षित वर्ग के लोगों ने इसे लेकर देशभर में आंदोलन किया था उसके बाद केंद्र सरकार ने अधिनियम लागू किया था।