नई दिल्ली: बीटेक ( इंजीनियरिंग) डिग्री वाले व्यक्ति गणित के शिक्षक (टीजीटी) नहीं बन सकते हो। उच्च न्यायालय ने केंद्रीय विद्यालय संगठन ( केवीएस ) जाने को सही ठहराते हुए यह फैसला दिया है। न्यायालय ने कहा कि गणित विषय की टीजीटी बढ़ने के लिए स्नातक में सभी वर्षों में गणित विषय का अध्ययन जरूरी है।
जस्टिस मनमोहन और आशा मेमन की पीठ ने कहा कि बैठक में एक या दो सेमेस्टर में गणित पढ़ाई जाती है। ऐसे में बीटेक की डिग्री को गणित में स्नातक नहीं माना जा सकता है। उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही सुभाश्री दास की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद केबीएस द्वारा गणित गणित के टीजीटी के लिए पर्याप्त योग्यता नहीं होने के आधार पर साक्षात्कार में शामिल होने से वंचित किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय में शिक्षक बनने की योग्यता किसी तरह की छूट देने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
याचिकाकर्ता सुभाश्री दास की उन दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया। जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय शैक्षणिक शिक्षा परिषद में 2015 में बीटेक की डिग्री के आधार पर b.ed करने की अनुमति दी है। ऐसे में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा उन्हें गणित का टीजीटी बनने से अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। याचिका में कहा गया था कि केवीएस को ऐसा करने का अधिकार नहीं है। याचिका में यह भी कहा गया था कि केवीएस ने इस पद के लिए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा और बीएड अनिवार्य योग्यता बताया था। ऐसे में बीटेक की डिग्री के आधार पर b.ed करने वाले को गणित का टीजीटी बनने से नहीं रोका जा सकता।
दखल नहीं देगी अदालत
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला केवीएस मैं शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ा है,जहां शिक्षा के उच्च मापदंडों को पूरा करना है। न्यायालय ने कहा कि जहां योग्यता का उच्च मानक स्थापित करना है ऐसे मामलों में न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा।