प्रयागराज: शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय अखियां के लिए निर्धारित बिंदु को लेकर असंतोष पनप रहा है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का कहना है कि जो 9 मानक शासन ने तय किए हैं वह अव्यवहारिक है। इस पर फिर से विचार करना चाहिए। उत्तर प्रदेश हाईस्कूल शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है।
शिक्षक नेता बृजेश सिंह ने बताया कि सबसे अधिक अव्यावहारिक मानक प्रधानाध्यापकों के लिए बनाया गया है। इसमें ऑपरेशन कायाकल्प की अव स्थापना सुविधाओं के लिए प्रधानाध्यापक को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया इसके लिए 10 फ़ीसदी अंक तय है। जबकि यह कार ग्राम प्रधान, खंड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, क्या स्तर पर कराना है। प्रधानाध्यापक का कार्य अधूरे कार्यों की सूचना देने तक सीमित है छात्रों की उपस्थिति, दीक्षा पोर्टल का उपयोग, अभिभावकों की बैठक में उपस्थिति अधिकारियों के लिए शिक्षकों को जिम्मेदार बनाया है। वास्तव में यह सभी चीजें अभिभावक की सामाजिक , परिस्थितियों आर्थिक परिस्थितियों पर भी निर्भर होता है।