लखनऊ: बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सतीश द्विवेदी ने कहा कि शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने का कोई विचार नहीं है। योगी सरकार ने 2017 में ही इनका मानदेय 3500 से बढ़ाकर ₹10000 किया था। द्विवेदी जी ने यह बातें मंगलवार को विधानसभा में बसपा विधायक श्याम सुंदर वर्मा के उस सवाल पर दिया जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने पर विचार करेगी।
द्विवेदी ने कहा कि सपा सरकार ने वोट बैंक के लिए अवैधानिक नियमावली से शिक्षामित्रों को नियमित कर उनके साथ धोखा किया था सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में जब शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त किया तो योगी सरकार ने मानदेय बढ़ाकर ₹10000 किया था।
अब इनकी मानदेय बढ़ाने का कोई विचार नहीं है एक अन्य सवाल के जवाब में द्विवेदी ने कहा कि मिड डे मील योजना के तहत परिवर्तन लागत हुआ रसोइयों का मानदेय बढ़ाने की भी कोई योजना नहीं है। बच्चों को खाने के लिए बर्तन व कक्ष उपलब्ध कराने और रसोई में को अध्ययन कक्ष से दूर स्थापित करने का भी इरादा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से बजट मिलने के बाद प्रेरकों के बकाया मानदेय का भुगतान किया जाएगा। इस बाबत राज्य सरकार ने केंद्र को बजट जारी करने का प्रस्ताव भेजा है।