नई दिल्ली: सिविल सेवा परीक्षा में अभ्यर्थियों को एक और मौका नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रयास कर चुके अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने इस मामले की दायर याचिका पर बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी के दौरान 2020 में कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं भी हुई है। ऐसे में सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने से दूसरे पर गलत असर पड़ेगा। साथ ही कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार का इस्तेमाल भी नहीं करने का निर्णय लिया। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों की मांग को झूठा बहाना करार दिया। इससे पहले 5 फरवरी को केंद्र सरकार ने अंतिम प्रयास करने वालों को एक और मौका देने की सहमति जताई थी।