प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 60 वर्ष में सेवानिवृत्त का विकल्प ना देने के कारण गिरे छुट्टी का भुगतान करने से इनकार करने के बीएसए अलीगढ़ के आदेश को रद्द कर दिया है और अर्जी देने की तिथि से भुगतान करने तक 8 फीसदी ब्याज सहित तीन माह में दृष्टि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। ऊंट ने कहा कि निर्णय लेते समय इनको अनदेखा किया जाए कि याची की पत्नी ने विकल्प दिया था या नहीं।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुशील कुमार राय ने प्रदीप कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची का कहना था कि उसकी पत्नी सहायक अध्यापिक थी। सेवारत रहते हुए उनकी मृत्यु हो गई है। बीएसए अलीगढ़ ने यह कहते हुए दृष्टि का भुगतान करने से इंकार कर दिया कि सेवारत रहते 60 साल में सेवानिवृत्त होने का विकल्प नहीं दिया था।