लखनऊ: प्रदेश के हर जिले में 1 ब्लॉक को प्राथमिक शिक्षा की दृष्टि से प्रेरक ब्लॉक बनया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग प्रेरक विद्यालयों और प्रेरक ब्लॉक बनाने के लिए अभियान शुरू करेगा। जिलों में शुरुआत एक प्रेरक विद्यालय की स्थापना से होगी। प्रेरक विद्यालय और प्रेरक ब्लॉक का थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाएगा। सरकार के मानक पर खरा उतरने के बाद ही प्रेरक विद्यालय व प्रेरक ब्लॉक का दर्जा दिया जाएगा। शिक्षकों को प्रेरक शिक्षक के रूप में सम्मानित भी किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में इस योजना को ब्लॉक स्तर पर चलाया जाएगा। पहले ब्लॉक की एक विद्यालय को प्रेरक विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी तर्ज पर ब्लाक के सभी प्रसिद्ध विद्यालय प्रेरक विद्यालय के रूप में विकसित किए जाएंगे। एक ब्लॉक पूरा होने के बाद दूसरे ब्लॉक में इस योजना को शुरू किया जाएगा। प्रेरक ब्लॉक बनाने के लिए शिक्षकों को 6 महीने का समय दिया जाएगा। कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की अध्ययन क्षमता और कौशल बढ़ाने के लिए मानक भी निर्धारित किए गए हैं।
14 बिंदुओं पर पर की जाएगी छात्रों की दक्षता
कक्षा 1 से 3 तक छात्रों की दक्षता की पहचान 14 बिंदुओं पर की जाएगी। जबकि कक्षा 4 व 5 की छात्रों की दक्षता की पहचान 16 बिंदुओं पर होगी। इन बिंदुओं के हिसाब से शिक्षकों को छात्रों को तैयार करना होगा। प्रेरक विद्यालय घोषित होने के बाद तीसरी संस्था बच्चों की दक्षता की जांच करेगी।