प्रयागराज: शिक्षा सेवा अधिकरण बिल पर वकीलों के विरोध के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए बिना कोर्ट की सहमति के अधिकरण के गठन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे वकीलों से काम पर वापस लौटने की अपील की है।
कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि शैक्षिक व गैर शैक्षिक स्टाफ के विचाराधीन मुकदमों के निस्तारण को गति देने के लिए अतिरिक्त पीठे बनाए। कोर्ट ने राज्य सरकार को इलाहाबाद व अवध बार एसोसिएशन से शिकायतों के निवारण का प्रयास करने का निर्देश दिया है जबकि जीएसटी अधिकरण के मुद्दे पर लखनऊ पीठ में सुनवाई के कारण कोई आदेश जारी नहीं किया है। न्यायाधीश गोविंद माथुर की खंडपीठ ने कहा है कि लॉकडाउन में भी हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य सुचारू रूप से चला। किंतु शिक्षा सेवा अधिकरण की पीठ के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत है। न्यायिक कार्य बहिष्कार से कोर्ट का कीमती समय बर्बाद हो रहा है इसी तरह 2019 में हड़ताल हुई थी। मुकदमों के निस्तारण में वकीलों की सहभागिता जरूरी है।