यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव नहीं टलेंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए पंचायत चुनाव टालने की मांग में वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट को उम्मीद है कि पंचायत चुनाव में जरूरी सावधानी बरती जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि सरकार ने चुनाव प्रचार की आचार संहिता जारी कर दी है और हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका में कोरोना को लेकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जरूरी सावधानी बरती जाएगी। ऐसे में चुनाव स्थगित करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने दिया। याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में कोरोना तेजी से फैल रहा है। 15 अप्रैल से पंचायत चुनाव होने जा रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चुनाव कराना जनहित के विरुद्ध है। इससे बड़ी संख्या में लोगों के स्वास्थ्य को हानि हो सकती है, जो अनुच्छेद 21 के जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।
पंचायत चुनाव में कोई भी चुनावी सभा नहीं करेगी भाजपा
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने पंचायत चुनाव में प्रचार की अपनी रणनीति में बदलाव किया है। अब इस चुनाव में भाजपा की तरफ से कोई भी चुनावी सभा नहीं की जाएगी। पार्टी का सारा जोर बैठकों और सधी रणनीति के माध्यम से मतदाताओं को पार्टी के प्रत्याशियों की तरफ आकर्षित करने की होगी। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पंचायत चुनाव में जिलों में बैठकें कर पार्टी पदाधिकारियों को जरूरी टिप्स देंगे। पहली बार बड़ी तैयारी के साथ पंचायत चुनाव में समर्थित प्रत्याशी उतार रही भाजपा ने तैयारी की थी कि जिला पंचायत वार्डों में प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभाएं की जाएंगी। इन चुनावी सभा को पार्टी के बड़े नेता संबोधित करने वाले थे। इस तैयारी को अमलीजामा पहनाने की रणनीति पर भी काम किया जा रहा था। प्रत्याशी भी मतदाताओं को प्रभावित करने वाले नेताओं के कार्यक्रम को लेकर बहुत आशान्वित थे।