लखनऊ:शिक्षक कर्मचारी पेंशनर्स अधिकार मंच ने यूपी में शिक्षकों एवं कर्मचारियों पर एस्मा लगाने को अघोषित इमरजेंसी करार देते हुए इसके आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है। शिक्षक कर्मचारी पेंशनर्स अधिकार मंच के नेताओं का कहना है कि सरकार एस्मा के बहाने कर्मचारियों की समस्याओं से निपटाने के बजाए अपना कार्यकाल पूरा करना चाह रही है।मंच के नेता डा. दिनेश शमार्, अध्यक्ष, सुशील कुमार प्रधान महासचिव, इं. हरिकिशोर तिवारी अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, रामराज दुबे अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, सतीश कुमार पाण्डेय अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ, कमलेश मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ के हस्ताक्षर से तीसरी बार जारी एस्मा आदेश का विरोध दर्ज कराते हुए जो पत्र मुख्य सचिव को भेजा गया है। उसमें स्पष्ट रूप से तीसरी बार जारी एस्मा आदेश को कर्मचारियों के संगठनों के मौलिक अधिकारी को हनन बताते हुए इसका हर स्तर पर प्रतिवाद किए जाने का इरादा जताया गया है। कमलेश मिश्रा अध्यक्ष राज्य कर्मचारी महासंघ का कहना है कि संगठनों का दायित्व है कि अपनी सही बात उचित स्तर पर पहुंचाकर हल निकाल कर कर्मचारियों को न्याय दिलाएं बात न सुनी जाने कि स्थित में समस्त कार्यक्रम जैसे कार्य बहिष्कार तथा हड़ताल तक करने को बाध्य होते हैं।उनका कहना है कि नई पेंशन व्यवस्था में तमाम खामियों के कारण 15 वर्षों बाद भी हमारे कर्मचारी, शिक्षक परेशान हैं। कई ऐसे उदाहरण है कि उन्हें पेंशन के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है। कोरोना को संभालने में काफी मेहनत करने के बाद भी महंगाई भत्ता तथा अन्य भत्ते काटे गए, सातवे वेतन आयोग की संस्तुतियों आज चार साल बाद भी ठंड़े बसते में बंद हैं। उन्होंने कहा कि विगत 18 माह से लगातार एस्मा लगाया जा रहा है आखिर वर्तमान सरकार में जो समस्या रही है उनका हल चुनाव से पहले हमें इसी सरकार से निकालना ही है। उन्होंने एस्मा को अघोषित आपातकाल का प्रतीक बताते हुए एस्मा आदेश वापस लेने की मांग की है।
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