प्रयागराज: कोरोना से संक्रमित बहरिया ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय छाता में तैनात शिक्षक नंदलाल राम का सोमवार को निधन हो गया। नंदलाल भी उन्हीं परिषदीय शिक्षकों में शामिल हैं जिनकी ड्यूटी इंटीग्रेट कोविड-19 ओल्ड रूम में लगी थी और वह खुद संक्रमित होने के कारण ड्यूटी पर नहीं पहुंच सके थे। ऐसे शिक्षकों को अनुपस्थित मानते हुए शिक्षा विभाग ने अप्रैल माह का वेतन रोक दिया था सोमवार को नंदलाल समेत 60 शिक्षकों का वेतन जारी कर दिया गया।
नंदलाल राम ने पंचायत चुनाव में जी-20 की थी और इसके बाद उनकी ड्यूटी आई ट्रिपल सी में लगा दी गई थी। 30 अप्रैल को उनकी कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आई है और 25 अप्रैल को ही भर्ती करा दिया गया। सोमवार को कानपुर की काशीराम ड्रामा में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आई ट्रिपल सी में अनुपस्थित पाए गए 92 शिक्षकों का अप्रैल माह 2021 का वेतन रोक दिया गया था जिनमें नंदलाल भी शामिल थे। शिक्षा विभाग के अफसरों ने यह जानने की जरूरत भी नहीं समझी कि इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित क्यों है जबकि हकीकत यह थी कि हो आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 ओं का हाल चाल पूछने के लिए आई ट्रिपल सी के तैनात किए गए तमाम शिक्षक खुद संक्रमित हो चुके थे और इसी वजह से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे।
शिक्षा विभाग ने बांधी शिक्षकों को अनुपस्थित मानते हुए उनका वेतन रोक दिया था बाद में इनका विरोध हुआ तो शिक्षकों से प्रत्यावेदन मांगी गई साथ ही कोविड-पॉजिटिव होने का प्रमाण पत्र भी मांगा गया। बड़ी संख्या में शिक्षकों ने अपने प्रत्यावेदन दिए जिसके बाद 60 शिक्षकों का वेतन जारी कर दिया गया और उन्हें नंदलाल राम का नाम भी शामिल है।
नंदलाल का वेतन तो मिल गया लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बिना जांच पड़ताल वेतन रोका। किसी शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित हुए आए जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती।