लखनऊ : आजमगढ़ के 20 मदरसों में फर्जी नियुक्तियों के मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) ने गबन, धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र की धारा में 21 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एसआइटी को जांच में यहां कई शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियां अवैध मिली हैं। मामले में अल्पसंख्यक निदेशालय में तैनात कुछ अफसरों की भूमिका की भी जांच हो रही है। प्रारंभिक जांच में दो अफसरों के नाम सामने आ रहे हैं।एसआइटी ने जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है उनमें अध्यक्ष जहीन अहमद, प्रबंधक अहमदुल्लाह, लिपिक शादाब अहमद, लिपिक फहीम एजाज, लिपिक अरशद, चपरासी मुस्ताक अहमद, सहायक अध्यापक गयासुर्रहमान, सहायक अध्यापक अब्दुल अलीम, सहायक अध्यापक अब्बास अली, सहायक अध्यापक बरकत अहमद दानिश, सहायक अध्यापक अरमान अहमद, सहायक अध्यापक यासमीन, सहायक अध्यापक मो. मेंहदी, सहायक अध्यापक साजिदा बानो, लिपिक शहनवाज, प्रबंधक गयासुद्दीन, प्रबंधक अख्तर अब्बास, प्रबंधक फैजान अहमद, प्रबंधक मो. आरिफ, प्रबंधक गुलाम मोहम्मद, प्रबंधक हफीजुर्रहमान शामिल हैं।इसके अलावा अनियमित नियुक्तियों को बिना सत्यापन अनुमोदित करने वाले उस समय के रजिस्ट्रार व संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। आजमगढ़ और मीरजापुर के मदरसों में फर्जी नियुक्तियों की शिकायत आने पर सरकार ने एसआइटी को इसकी जांच सौंपी थी। शुरुआती जांच में ही आजमगढ़ के 20 मदरसों में फर्जी नियुक्तियों की पुष्टि हुई, जिसके बाद यह एफआइआर दर्ज की गई। वहीं, इस मामले में तत्कालीन रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता व संयुक्त निदेशक शेषनाथ पाण्डेय की भूमिका की भी जांच हो रही है।
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