प्रयागराज।यूपी बोर्ड ने स्कूलों से 20 मई तक 2021 की हाईस्कूल परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के छमाही एवं प्री बोर्ड परीक्षा के अंक वेबसाइट पर अपलोड करने का निदेश दिया था। इसी बीच बोर्ड ने इन छात्रों के नौवी की वार्षिक परीक्षा के अंक भी मांग लिए। इसके बाद स्कूलों की ओर से आनन-फानन में बिना परीक्षा कराए ही दसवीं के छमाही और प्री बोर्ड तथा नौवीं के वार्षिक परीक्षा के अंक वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए। मनमाने तरीके से अंक अपलोड करने के खेल में अच्छे विद्यार्थी जहां परेशान हैं तो औसत दर्ज के विद्यार्थी खुश हैं।2020 के मार्च में कोरोना संक्रमण तेज हो जाने के बाद सरकार ने छठीं से नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को सीधे अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया था। ऐसे में जब 2020 में नौवीं की वार्षिक परीक्षा हुई नहीं तो स्कूलों ने नंबर कैसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। यही हाल 2020-2021 में भी रहा। हाईस्कूल के अधिकांश स्कूलों में छमाही और प्री बोर्ड परीक्षा नहीं हुई, अब बोर्ड की ओर से मांगे जाने पर स्कूलों ने मनमाने तरीके से छात्रों के अंक वेबसाइट पर अपलोड कर दिए।यूपी बोर्ड ने भी सीबीएसई की तर्ज पर हाईस्कूल के छात्रों के छमाही और प्री बोर्ड परीक्षा के अंक के साथ आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2020 में नौवी की वार्षिक परीक्षा नहीं हुई थी। 2020-21 में भी हाईस्कूल के छात्रों की छमाही एवं प्री बोर्ड परीक्षा नहीं कराई गई है। ऐसे में स्कूल वाले बोर्ड की ओर से अंक अपलोड करने के निर्देश के बाद स्कूलों ने मनमाने तरीके से वेबसाइट पर अंक अपलोड कर दिए। उनका कहना है कि ऐसे में राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तो छात्रों के हित को लेकर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया जबकि वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधन ने बिना परीक्षा कराए ही छात्रों को मनमाने अंक दे दिए। उनका कहना है कि ऐसे में मेधावी छात्रों का नुकसान होगा।
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