नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा की योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता को 7 साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। यह फैसला 2011 से प्रभावी माना जाएगा। इसका ऐलान केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि टीईटी की योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि को मौजूद 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन छात्रों या उम्मीदवारों के टीईटी प्रमाण पत्र की 7 वर्ष की अवधि पूरी हो गई है उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि पुनः निर्धारित करने या नया टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।
इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ( एनसीटी ई ) ने पिछले साल अक्टूबर में टीईटी प्रमाण पत्र की वैधता की सीमा को आजीवन करने की घोषणा की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर अब निर्णय लिया है। इससे उन लाखों लोगों को लाभ होगा जो शिक्षक भर्ती की तैयारी में लगे हुए हैं।
स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए किसी व्यक्ति की पात्रता के संबंध में शिक्षक पात्रता परीक्षा का योग्यता प्रमाण पत्र एक अनिवार्य पात्रता है। एनसीटीई के 11 फरवरी के दिशा निर्देशों में कहा गया था कि राज्य सरकार टीईटी का आयोजन करेगी। और इसकी वैधता की अवैध परीक्षा पास होने की तिथि से 7 वर्ष तक होगी।