पडरौना (कुशीनगर )। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल कोरोना संक्रमण के चलते 20 मार्च को बंद कर दिए गए थे। केस नियंत्रित होने की दशा में एक जुलाई से फिर से स्कूल खोले जा रहे हैं। हालांकि अभी केवल अध्यापक ही स्कूल आएंगे। 100 दिन बाद खुल रहे स्कूल में पहले दिन ही अध्यापकों को सफाई, बिजली, पानी जैसी समस्याओं से जूझना होगा।
कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक असर स्कूलों पर ही पड़ा है। पिछले साल मार्च में लॉकडाउन के दौरान जो स्कूल बंद हुए तो पढ़ाई की व्यवस्था अब तक पटरी पर नहीं लौटी है। इस साल भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान गत 20 मार्च को सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे। बच्चों को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत किया जाना है। अब कोरोना संक्रमितों की संख्या होने लगी है। इसको देखते शासन ने एक जुलाई से स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। हालांकि अभी केवल शिक्षकों को ही बुलाया जाएगा। इस दौरान शिक्षक विद्यालय में पहुंचकर विद्यालय में नामांकित बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने के साथ विभागीय अन्य कार्य निपटाएंगे। सौ दिनों तक लगातार बंद रहे स्कूलों में पहुंचने पर शिक्षकों को विद्यालय में सफाई, बिजली और पानी समेत परेशानियों से जूझना पड़ेगा।
बीएसए विमलेश कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हुई है। इसको देखते हुए शासन की तरफ से पहली जुलाई से स्कूल खोलने का निर्देश मिला है। लेकिन अभी केवल शिक्षकों को ही स्कूल बुलाया गया है। शासन के निर्देश पर जिले के सभी बीईओ और शिक्षकों को एक जुलाई से स्कूल खोलने का निर्देश दे दिया गया है। एक जुलाई को स्कूल पहुंचकर शिक्षक स्कूल की साफ-सफाई कराने समेत अन्य संसाधनों को सुव्यवस्थित करेंगे। इसके अलावा विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने के साथ विभागीय कार्य निपटाएंगे।
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