प्रयागराज: कैबिनेट सचिव के साथ वार्ता में फ्रीज महंगाई भत्ता (डीए-डीआर) की तीन किस्तों को जारी करने पर निर्णय नहीं होने पर कर्मचारियों ने नाराजगी जताई। कैबिनेट सचिव का इस बिंदु पर सकारात्मक रुख रहा लेकिन कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं है। उन्होंने सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए।मान्यता प्राप्त कर्मचारी यूनियनों की शनिवार को कैबिनेट सचिव के साथ वार्ता हुई। कोरोना महामारी के बीच आर्थिक चुनौतियां का सामना कर रही सरकार ने जनवरी 2020 से डीए-डीआर फ्रीज कर दिया है। इस तरह से अफसरों और कर्मचारियों को डीए में तीन बार बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिल रहा है। बैठक में इसके साथ कर्मचारियों से जुड़े अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई।
कर्मचारियों ने डीए-डीआर रिलीज करने के साथ एरियर के भुगतान पर भी विस्तार से चर्चा की। बैठक में मौजूद कर्मचारी नेता आरएन पराशर ने बताया कि कैबिनेट सचिव ने एरियर के भुगतान पर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन जुलाई से डीए एवं डीआर दिए जाने पर उनका सकारात्मक रुख रहा।हालांकि इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट का होगा। अफसरों ने आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सामने कर्मचारियों की इस मांग को रखा जाएगा। वहीं कंफेडरेशन ऑफ़ सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लाइदज एंड वर्कर्स के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चंद्र पांडेय ने डीए-डीआर पर फैसला नहीं होने पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि सरकार की मंशा पर पहले से सवाल उठते रहे हैं। बैठक में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना उसी का प्रमाण है। उन्होंने डीए-डीआर का भुगतान नहीं होने पर आंदोलन की बात कही।