लखनऊ। फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त करने में बेसिक शिक्षा अधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे। लगभग ढाई दर्जन जिलों के बीएसए से जवाब-तलब करते हुए कहा गया है कि यदि उन्होंने एक हफ्ते के अंदर बर्खास्तगी व एफआईआर का विवरण नहीं भेजा तो जून का वेतन रोक दिया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बीएसए के इस रवैये पर नाराजगी भी जताई है।इन जिलों को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि 19 फरवरी, 15 मार्च, एक अप्रैल व 9 अप्रैल को बराबर पत्र भेज कर सूचना भेजने के निर्देश दिए गए। इसके लिए कई बार महानिदेशक कार्यालय से फोन भी किया गया लेकिन अभी तक सूचना नहीं भेजी गई। यह आचरण शासकीय दायित्वों के प्रति उदासीनता का द्योतक है। विभाग ने एसटीएफ द्वारा चिह्नित 181 शिक्षकों की सूची इन जिलों में भेजी थी और साथ ही इन्हें बर्खास्त करने के आदेश भी भेजे गए थे।
कई स्तरों पर दबाई जाती है फाइल
दरअसल फर्जी शिक्षकों की बर्खास्तगी को लेकर लापरवाही बरती जाती है। इनकी फाइलों को कई स्तरों पर दबा दिया जाता है और फर्जी शिक्षकों से वसूली की जाती है। 2019 सितम्बर में एसटीएफ ने सिद्धार्थनगर के बीएसए के स्टेनों को गोरखपुर में पकड़ा गया था और उसके पास से 400 फर्जी शिक्षकों की सूची मिली थी जिनसे वो धन उगाही करता था।
इन जिलों से मांगी गई है सूचना
गोरखपुर, बरेली, महाराजगंज, सुलतानपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, देवरिया, चंदौली, बलरामपुर, आजमगढ़, कुशीनगर, उन्नाव, बाराबंकी, सोनभद्र, बलिया, सीतापुर, संत रविदास नगर, बस्ती, वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, संत कबीरनगर, अयोध्या, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, हरदोई, उन्नाव, गोण्डा, श्रावस्ती, फर्रुखाबाद।