प्रयागराज: बेहद कड़ी प्रतिस्पर्धा का दौर है वह चाहे भर्ती हो या फिर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश व सेमेस्टर परीक्षाएं एक अनार सौ बीमार की कहावत प्रतियोगियों पर फिट बैठती है। एक-एक पद के लिए बड़ी संख्या में दावेदार सामने आ रहे हैं। 69000 शिक्षक भर्ती को ही ले लीजिए पदों के सापेक्ष लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों की तादाद करीब दोगुनी। ऐसी में परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से पूरा होना सबसे अहम चुनौती है। इन दिनों प्राथमिक स्कूलों के लिए नई शिक्षक भर्ती की मांग हो रही है और नए परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव कि अब लंबित परीक्षाएं समय पर पूरी करानी होंगी।
प्रयागराज में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का तबादला हो गया है उनकी जगह संजय कुमार उपाध्याय को भेजा गया है। अब उपाध्याय के सामने कई चुनौतियां होंगी। दरअसल योगी सरकार मेधावी का चयन कराने के लिए हर भर्ती में लिखित परीक्षा करा रही है प्राथमिक स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती की पहली बार लिखित परीक्षा वर्ष 2018 में हुई। 68500 पदों की भर्ती का परिणाम 13 अगस्त को आया जिसमें 1 अभ्यर्थी की कॉपी बदलने का प्रकरण हाईकोर्ट पहुंचा। शासन ने तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह को 8 सितंबर को निलंबित कर दिया मेरठ के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक रहे अनिल को को तैनाती मिली। उन्होंने 10 सितंबर 2018 को कार्यभार ग्रहण किया। किसी भर्ती में उन्होंने पुणे मूल्यांकन कराया जिसमें 4600 से अधिक की नियुक्ति हुई। हालांकि 103 अभ्यर्थी अभी नियुक्ति पाने की रेस में है। वर्ष 2019 में कराई गई 69000 पदों की शिक्षक भर्ती के लिए तीसरी काउंसलिंग भी होनी है।
ये कार्य अहम
नए सचिव संजय उपाध्याय को डीएलएड 2020 में प्रवेश और एडेड जूनियर हाईस्कूल की लिखित परीक्षा करानी होगी उसके अलावा यूपीटीईटी 2020 और सेमेस्टर परीक्षाओं के लंबित परिणाम भी देने होंगे।