लखनऊ: केंद्र सरकार के बाद अब यूपी में अध्यापक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्रों को आजीवन मान्य करार देने की तैयारी शुरू हो गई है। अभी तक यूपी में टीटी प्रमाण पत्र 5 वर्ष के लिए मान्य है। प्राइमरी व जूनियर स्कूलों यानी कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए टीईटी अनिवार्य होता है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सतीश चंद्र वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने छात्रों के हित में फैसला लिया है। हम भी इस दिशा में कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस पाता परीक्षा के बाद हम शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा लेते हैं। शिक्षा का अधिकार कानूनी के तहत टीटी की शुरुआत 2011 से हुई। पात्रता जीवन रानी पर अभ्यर्थियों को बार बार परीक्षा में बैठने से मुक्ति मिलेगी आवेदन शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा।