नई दिल्ली: सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की गैर हाजिरी से संबंधित प्रचलित धारणा के उलट अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने दावा किया है कि सरकारी स्कूलों में सिर्फ 2.5 शिक्षक की गैर हाजिर रहते हैं। फाउंडेशन में 16 राज्यों के 619 स्कूलों में किए गए शोध के बाद अपनी रिपोर्ट जारी की है।
शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में रिपोर्ट में कहा है कि शिक्षक गैरहाजिर की प्रचलित धारणा 20 से 50 फ़ीसदी तक मानी जाती है। लेकिन यह गलत है। अध्ययन के दौरान ऐसा पाया गया है कि सरकारी स्कूलों में बिना कारण बताए शिक्षकों की गैर हाजिरी की दर सिर्फ 2.5 फीस दी है। यह समस्या इतनी बड़ी नहीं है जितनी दिखाई जाती है। अध्ययन के दौरान क़रीब 17 फ़ीसदी स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षक स्कूल में नहीं आते थे लेकिन उनके पीछे प्रशिक्षण, अकादमिक बैठक, अवकाश से जैसे वाजिब कारण थे।
पूर्व में कई अध्ययनों में इन विभिन्न कारणों पर ध्यान नहीं दिया गया है, जिनकी वजह से शिक्षकों को स्कूलों से बाहर जाना पड़ता है। शिक्षकों की गैर हाजिरी को गंभीर मुद्दा मानकर शिक्षा के कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों की अनदेखी हो जाती है। सरकारी स्कूलों की शिक्षक अपने कार्य क्षेत्र के कई अवरोधों को पार करते हुए अनुकरणीय प्रतिबद्धता का प्रदर्शन कर रहे हैं।