लखनऊ:प्रदेश सरकार 15 वर्ष से अधिक आयु के 25 लाख अनपढ़ों को पढ़ाएगी। इसके लिए तैयारियां जोरों पर है। साक्षरता निदेशालय को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। पहले चरण में 4.20 लाख को पढ़ाया जाएगा।प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग अभी भी निरक्षर हैं। अब केंद्र की पहल पर राज्य सरकार इन्हें पढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने जनवरी में सर्वे शुरू कराया था। प्रदेश के कुछ जिलों ने साक्षरता विभाग को अपनी रिपोर्ट दी है। अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में लगभग 25 लाख लोग निरक्षर हैं। इनमें से पहले चरण में केन्द्र सरकार के लक्ष्य के अनुसार लगभग 4.20 लाख लोगों को ही साक्षर किया जाएगा। इन्हें केंद्र सरकार की एक योजना के तहत पढ़ाया जाएगा। इसमें लखनऊ के लगभग 57 हजार लोग शामिल हैं।
डीएलएड की पढ़ाई करने वाले छात्रों को दी जाएगी जिम्मेदारी
प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में डीएलएड की पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं को अनपढ़ों को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए आंतरिक मूल्यांकन में छात्रों को अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। कुछ मानदेय देने का भी प्रस्ताव है, लेकिन अभी इस पर निर्णय नहीं हो पाया है। शासन के पास मंजूरी के लिए फाइल भेजी गयी है। वहीं, अनपढ़ लोगों के लिए विशेष प्रकार की किताबें भी छपाई जाएंगे। किताबों को छपवाने की जिम्मेदारी एससीईआरटी को दी जा रही है। अनपढ़ व्यक्तियों कॉपी किताब की किट भी दी जाएगी।
हर अनपढ़ का नाम, पता, मोबाइल नंबर जुटाया गया
पहली बार इन्हें पढ़ाने के लिए ठोस योजना तैयार की गई है। हर अनपढ़ के नाम, पत्ते के साथ उनके फोन नंबर की भी सूची तैयार हुई है। उनके आधार कार्ड का विवरण भी लिया गया है। इन्हें पढ़ाने के लिए प्रशिक्षु फोन करके ही जाएंगे। जब लोग दिन में कामकाज से फुर्शत में होंगे तब यह उन्हें पढ़ाएंगे।
लखनऊ में 57 हजार अनपढ़ चिह्नित
लखनऊ में लगभग 57 हज़ार अनपढ़ चिह्नित किए गए हैं। यहां मलिहाबाद क्षेत्र में सबसे ज्यादा 15366 लोग निरक्षर मिले हैं। जबकि दूसरे स्थान पर काकोरी में 11,196 अनपढ़ मिले हैं। सबसे कम 804 निरक्षर गोसाईंगंज में मिले हैं। दूसरे नंबर पर सबसे कम निरक्षर लोग सरोजनी नगर में हैं। यहां 922 अनपढ़ मिले हैं। लखनऊ में कुल 19738 पुरुष और 37227 महिलाएं निरक्षर है। पुरुषों की तुलना में दोगुनी महिलाएं अनपढ़ मिली हैं।