यूपी में टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा ) की वैधता जीवन करने के प्रस्ताव को सीएम योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दे दी है। आपको बता दें कि अभी तक यूपी में टीईटी प्रमाण पत्र 5 वर्ष के लिए मान्य है। हर 5 साल के बाद उम्मीदवारों को दोबारा यूपीटीईटी परीक्षा पास करनी होती थी। आपको बता दें कि हाल में ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने टीईटी को आजीवन मान्य करने के लिए आधिकारिक घोषणा की थी।
केंद्र के अनुसार यह आदेश 2011 से प्रभावी होगा। इसलिए राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि के पुनः निर्धारण करने या नया टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस फैसले को हरी झंडी दे दी है। इससे राज्य में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नौकरी का सपना देख रहे कई उम्मीदवारों को लाभ होगा।
प्राइमरी व जूनियर स्कूलों यानी कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए टीईटी अनिवार्य होता है। यह सिर्फ पात्रता परीक्षा है। पात्रता आजीवन रानी पर अभ्यर्थियों को बार बार परीक्षा में बैठने से मुक्ति मिलेगी और आवेदन शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। अभी हर अभ्यर्थी 2 से 3् साल के अंदर पर टीईटी देता है। कि यदि 1 साल टीईटी ना हो तो उसके प्रमाणपत्र की वैधता बनी रहे।