फतेहपुर : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (बा विद्यालय) में बंदी के दौरान भी छात्राओं के भोजन और स्टेशनरी पर 32 लाख रुपये खर्च करने के मामले की डीएम अपूर्वा दुबे ने जांच कराई है। उन्होंने बताया कि जांच में 32 लाख की सामग्री खरीदी गई है और उपयोग हुआ है साथ ही बची हुई सामग्री अब भी मौजूद है, लेकिन लापरवाही यह है कि इसका विवरण प्रेरणा पोर्टल में अपलोड करने के बाद यह चेक नहीं किया गया कि विवरण अपलोड हुआ है या नहीं। विवरण प्रदर्शित न होने के कारण ही खर्च में घपला मानकर जांच शुरू कराई गई है। वहीं, प्रशासनिक जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन एडी बेसिक की रिपोर्ट आना बाकी है।डीएम के निर्देश पर सीडीओ सत्य प्रकाश ने तेलियानी ब्लाक के त्रिलोकीपुर स्थिति बा विद्यालय का निरीक्षण किया। यहां 22 फरवरी से 24 मार्च तक छात्राओं की उपस्थिति दर्शायी गई थी और इसी बीच स्टेशनरी खरीद भी की गई थी। स्टेशनरी और राशन सामग्री का सरप्लस पाया गया। इसी तरह एडीएम राजस्व एवं वित्त लालता प्रसाद शाक्य ने बा विद्यालय भिटौरा, हथगाम और ऐरायां, एडीएम न्यायिक विनीता सिंह ने बा विद्यालय विजयीपुर, प्रशिक्षु आइएएस निधि बंसल ने बहुआ और प्रशिक्षु आइएएस नवनीत सेहरा ने बा विद्यालय हसवा, एसडीएम सदर प्रमोद झा ने बा विद्यालय असोथर, एसडीएम बिदकी विजय शंकर तिवारी ने बा विद्यालय मलवां, और एसडीएम खागा प्रहलाद सिंह ने बा विद्यालय धाता का निरीक्षण किया और यहां पर छात्राओं पर खर्च की गई रकम का सत्यापन किया। बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी विनय कुमार प्रजापति ने उपरोक्त सभी जांच अफसरों की रिपोर्ट को संयुक्त करके डीएम को भेजा है। ये निकला जांच में
– हर स्कूल में 22 फरवरी से 24 मार्च तक छात्राएं मौजूद रहीं।
– उपस्थिति रजिस्टर में हाजिरी, अभिभावक का सहमति पत्र मिला।
– आगमन व निगर्मन रजिस्टर में मौजूदगी के मिले सुबूत।
– वाट्सएप में फोटोग्राफ सुबूत के रूप में मौजूद मिले ।
– स्टेशनरी खरीदी गई और वह मौजूद भी है।
– छात्राओं की उपस्थिति के दौरान उन्हें भोजन आदि की सुविधा दी गई। 10 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की जांच कराई गई है। सभी जांच अफसरों ने जांच रिपोर्ट भी सौंप दी है। कहीं पर भी धनराशि खर्च में गड़बड़ी या घोटाला नहीं मिला है। जो सामग्री खरीद गई वह उपयोग में लाई गई है तथा बीच हुई अब भी मौजूद है। सिर्फ प्रेरणा एप में विवरण अपलोड न होने की वजह से घोटाला की आशंका थी। अब जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
विनय प्रजापति, वित्त एवं लेखाधिकारी, बीएसए दफ्तर।