प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 की सिविल पुलिस व पीएसी कांस्टेबल भर्ती की खाली रह गए 3000 विज्ञापनों को कैरी फॉरवर्ड ना कर मेरिट नीचे कर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग को लेकर दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। सूट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की हवाले से कहा कि यदि नियम नहीं है तो चयनित होने मात्र से किसी को नियुक्ति का अधिकार नहीं मिल जाता और सरकार सभी विज्ञापित पदों को भरने के लिए बाध्य नहीं है। हाई कोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बाध्यकारी है। इसीलिए कोई राहत नहीं दी जा सकती। आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने अजय प्रकाश मिश्र व 2016 अन्य सहित सैकड़ों याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया है।
याचिकाओं का कहना था कि वह सभी चयनित हैं कट ऑफ मेरिट 19156 से अधिक अंक प्राप्त कर सफल हुए हैं। पुलिस भर्ती बोर्ड ने 28916 सिविल पुलिस व पीएसी कांस्टेबल भर्ती में सामान्य 40356, ओबीसी 394573 व एससी एसटी 38053 अंक कट ऑफ मेरिट पर दस्तावेज सत्यापन व शारीरिक परीक्षा के लिए बुलाया था। कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी मार्कशीट के कारण अस्वीकार कर दिया गया। कुछ मेडिकल जांच में फेल हो गए। सिविल पुलिस व पीएसी कांस्टेबल की 3000 पद भरे नहीं जा सके और वह पद खाली हैं।