*प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के लिए अच्छी खबर, अब अपील का ऑनलाइन निस्तारण; बचेगी मुख्यालय की दौड़*
प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। परिषद उनकी शिकायतों की अपील का अब ऑनलाइन निस्तारण करेगा। उन्हें मुख्यालय या फिर अफसरों का चक्कर नहीं लगाना होगा। प्रकरणों का निस्तारण गूगल मीट के जरिए किया जाएगा। तय समय में परिषद सचिव, बीएसए, शिक्षक व संबंधित सहायक एक साथ जुड़ेंगे और तत्काल उसका समाधान होगा।उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी अलग-अलग वजहों से दंडित करते रहते हैं। कई बार बीएसए शिक्षक से नाराज होने पर भी उन्हें निलंबित करने या फिर वेतन आदि रोकने जैसी कार्रवाई कर देते हैं। परिषद की नियमावली में प्रविधान है कि शिक्षक यदि दंड से सहमत नहीं या फिर उसे जानबूझकर प्रताड़ित करने के लिए कार्रवाई की गई है तो वह बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के यहां अपील कर सकता है।परिषद मुख्यालय प्रयागराज में है और यहां गाजियाबाद से बलिया और आगरा से कुशीनगर तक के शिक्षकों को दौड़ लगानी पड़ती रही है। सचिव उनके प्रकरणों की सुनवाई करके फिर बीएसए से जवाब-तलब करते रहे हैं। बड़ी संख्या में प्रकरण परिषद मुख्यालय पर लंबित हो जाते थे। कई बार बीएसए सचिव की ओर से मांगी गई सूचना का महीनों जवाब नहीं देते थे, इससे निस्तारण के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था।यही वजह है कि परिषद में अब भी पूर्व सचिव संजय सिन्हा और रूबी सिंह के समय के प्रकरण लंबित हैं। शिक्षकों की अपील का त्वरित निस्तारण करने के लिए अब ऑनलाइन व्यवस्था शुरू हो रही है। वैसे भी कोविड-19 की वजह से शिक्षकों की भौतिक रूप से उपस्थिति होना मुश्किल और परिस्थितियों को देखते हुए उचित नहीं है। इन मामलों की सुनवाई गूगल मीट के जरिए होगी।संबंधित शिक्षक, वहां के बेसिक शिक्षा अधिकारी व संबंधित सहायक भी इसमें ऑनलाइन जुड़ेंगे। सभी को वाट्सएप पर गूगल मीट का लिंक व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध कराया जाएगा। यदि एक जिले में कई शिक्षकों के प्रकरण हैं तो सभी को एक ही दिन बारी-बारी से मौका दिया जाएगा। अपीलकर्ता यदि कोई साक्ष्य या फिर अन्य सामग्री उपलब्ध कराता है तो उसे ईमेल पर मंगाया जाएगा।बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल का कहना है कि अपील का निस्तारण सुनवाई वाले दिन ही किया जाएगा। यह व्यवस्था पारदर्शी है सभी पक्ष सामने होने से निर्णय में आसानी रहेगी। शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। जिलेवार कार्यक्रम जल्द घोषित करेंगे।