लखनऊ: प्रदेश के प्रमुख विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों को कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा और कक्षा-10 की प्री-बोर्ड में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित करने का सुझाव दिया है। कोरोना संक्रमण के कारण निरस्त हुई हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा प्रोन्नत करने के सरकार के निर्णय के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अब परीक्षार्थियों के अंक निर्धारण को लेकर कवायद शुरू की है।माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये प्रदेश के विभिन्न शिक्षाविदों और स्कूलों के प्रधानाचार्यों से बात कर सुझाव लिए।
वीडियो कांफ्रेसिंग में आराधना शुक्ला ने जब तक विद्यालयों में भौतिक रूप से कक्षाओं का संचालन शुरू नहीं होता है तब तक ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला विद्यालय निरीक्षक अपने जिले में विद्यालयों के साथ संवाद स्थापित करें साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं का पर्यवेक्षण भी करें। सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक अपने मंडल के जिलों में संचालित होने वाली ऑनलाइन कक्षाओं की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रबंधन, शिक्षाविद्, प्रधानाचार्य और शिक्षक माध्यमिक शिक्षा परिषद को ई-मेल के जरिये भी सुझाव दे सकते है। इस अवसर पर विशेष सचिव उदय भानु त्रिपाठी, विशेष सचिव जय शंकर दुबे, माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय, विकास श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
यह आए सुझाव
– हाईस्कूल में प्राप्त प्रतिशत, कक्षा-11 के अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा और कक्षा-12 की प्री बोर्ड परीक्षा के अंकों के औसत के आधार पर अंक दिए जाएं।
– सर्वोदय इंटर कॉलेज फतेहपुर के प्राचार्य जवाहर सिंह राठौर ने हाईस्कूल परीक्षा के लिए कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा और कक्षा-10 की प्री बोर्ड परीक्षा या अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंको के औसत के आधार पर परीक्षा परिणाम घोषित करने का सुझाव दिया।
– फतेहपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष आत्माराम ने हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम कक्षा-10 का प्री-बोर्ड तथा कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के अंको के औसत के आधार पर तैयार करने का सुझाव दिया।
– हिन्दू मुस्लिम इंटर कॉलेज दुर्गास्थान गाजीपुर के जियारत हुसैन ने सुझाव दिया कि यदि कोई परीक्षार्थी परीक्षा देना चाहता है तो उसे आगामी समय में सुधार का अवसर दिया जाए। इसके लिए जिला मुख्यालय के राजकीय इंटर कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया जाए।
– महेंद्र टेक्निकल इंटर कॉलेज चंदौली के प्रधानाचार्य डॉ. रामचंद्र शुक्ला ने प्री-बोर्ड के अंको को अधिक महत्व देने का सुझाव दिया।
– राजकीय इंटर कॉलेज आगरा के प्रधानाचार्य अरुण कुमार सिंह ने पत्राचार के माध्यम से अध्ययनरत विद्यार्थियों की भी चिंता करने का सुझाव दिया।
– राजकीय इंटर कॉलेज मुरादनगर गाजियाबाद के प्रधानाचार्य सुखपाल सिंह तोमर ने सुझाव दिया कि जो विद्यार्थी किसी कारण से प्री-बोर्ड या अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित रहे हैं उन्हें न्यूनतम उत्तीर्ण अंक देकर परिणाम घोषित किया जाए।