लगातार दूसरे वर्ष मिड डे मील के रसोइयों की संविदा का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इसे स्थगित कर दिया गया है। शैक्षिक सत्र 2020-21 में कार्यरत रसोइयों को ही इस वर्ष कार्यरत माना जाएगा। प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख स्कूलों में 390574 रसोइए मिड डे मील बनाते हैं और इन्हें 1500 रुपये मानदेय दिया जाता है।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव आरवी सिंह ने आदेश जारी कर दिया है। पिछले शैक्षिक सत्र में भी नवीनीकरण की प्रक्रिया स्थगित की गई थी। चूंकि स्कूल में बच्चे नहीं आ रहेहैं लिहाजा मिड डे मील का राशन व परिवर्तन राशि सीधे अभिभावकों को दी जा रही है। वहीं इन्हें केवल 10 महीने का मानदेय दिया जाएगा। एमडीएम प्राधिकरण ने इस पर शासन का दिशानिर्देश मांगा था कि चूंकि गर्मी की छुट्टियों का एमडीएम बच्चों को दिया जा रहा है तो क्या रसोइयों को मानदेय भी दिया जाएगा। लेकिन इस पर शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल 10 महीने का मानदेय ही दिया जाएगा।
हर वर्ष इन रसोइयों की संविदा का नवीनीकरण होता है। इसमें उन्हीं रसोइयों की संविदा का नवीनीकरण होता है जिनका कार्य व्यवहार अच्छा होता है, वहीं उनके या उनके घर के बच्चे स्कूल में पढ़ रहे होते हैं। सेवाएं संतोषजनक होने पर ही नवीनीकरण किया जाता है। हालांकि नए नियमों के मुताबिक इनकी सेवाएं एकाएक खत्म नहीं की जा सकती हैं। सेवा समाप्ति के लिए लिखित तौर नोटिस देना जरूरी है। संबंधित प्रधानाध्यापक को रसोइए को असंतोषजनक सेवाओं के लिए लगातार नोटिस देनी होगी और सेवा समाप्ति पर इन लिखित नोटिस को इसके साथ लगाना होगा। बिना किसी नोटिस के संविदा खत्म नहीं की जा सकती है। हालांकि 2018-19 से नियुक्त रसोइए ही लगातार काम कर रहे हैं।