जिले के भीतर एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक और फिर एक ही ब्लॉक के भीतर एक स्कूल से दूसरे स्कूल के बीच स्थानान्तरण का आदेश अभी भले ही नहीं आया हो मगर इसकी जमीन अभी से तैयार होने लगी है। स्कूलों में तैनात शिक्षकों ने अपने तबादले के लिए बेस्ट म्युचुअल तलाशना शुरू कर दिया है। इसके लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है। सोशल मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप व फेसबुक एकाउंट इसके लिए हथियार साबित हो रहे हैं। यही नहीं सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी सूचना देने के लिए लोगों ने फेसबुक पेज तक तैयार किये हैं।
जिले में दो साल से जिले के भीतर के तबादले नहीं हुए हैं। जबकि इस बीच जिले में हजार नए शिक्षकों को तैनाती मिली है और सैकड़ों की संख्य में जिले में तैनात शिक्षक शिक्षिकाएं गैर जिलों के लिए स्थानान्तरित हुए हैं। ऐसे में ब्लॉकों में शिक्षक तैनाती औसत आदि को लेकर बिसंगतियां उत्पन्न हुई हैं।।
स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का औसत सही करने के लिए जिले के भीतर के तबादले को जरूरी माना जा रहा है।
तबादला नीति जारी करने की मांग
शिक्षक संगठन तबादला नीति जारी करने की मांग कर रहे हैं। | उनका कहना है कि जिले में कह स्कूलों में अधिसंख्य शिक्षकों की तैनाती बन गई है तो कई जगह | पर आवश्यकता के मुताबिक शिक्षक तैनात ही नहीं हैं।
स्थानान्तरण हो तो बेहतर हो शिक्षण
शिक्षक संगठनों का कहना है कि शिक्षकों का स्थानान्तरण होने से शिक्षकों को उनके मनमुताबिक अथवा नजदीकी विद्यालय मिल | जाते हैं तो विद्यालय आवागमन की जल्दीबाजी में होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगने की उम्मीदें रहेंगी। बेहतर पढ़ाई का माहौल भी तैयार होगा।