लखनऊ: शासन ने कर्मचारियों व पेंशनरों को 11 फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) व महंगाई राहत (डीआर) जोड़कर जुलाई से देने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के लिए भेज दिया है। वहां से मंजूरी के बाद भुगतान शुरू हो जाएगा। करीब 28 लाख कर्मचारी व पेंशनर बढ़े डीए व डीआर के भुगतान का इंतजार कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कोरोना संकट का हवाला देते हुए जनवरी-2020, जुलाई-2020 और जनवरी-2021 में मंहगाई भत्ते व महंगाई राहत की किस्त में वृद्धि पर रोक लगा दी थी। उस समय कार्मिकों को 17 प्रतिशत डीए व डीआर का भुगतान हो रहा था। प्रदेश सरकार ने अप्रैल-2020 में एक आदेश जारी कर इस फैसले को यहां भी लागू कर दिया था। तब से प्रदेश के कार्मिक व पेंशनर 17 प्रतिशत के हिसाब से डीए व डीआर पा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने पिछले दिनों डीए व डीआर पर लगी रोक हटाते हुए जनवरी व जुलाई-2020 तथा जनवरी-2021 के डीए व डीआर में 11 प्रतिशत संचयी वृद्धि मानते हुए एक जुलाई से 28 प्रतिशत भुगतान का फैसला किया था। कार्मिकों को उम्मीद थी कि सरकार केंद्र की तरह जुलाई के वेतन के साथ ही बढ़े डीए व डीआर का नकद भुगतान शुरू कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
सूत्रों का कहना है कि वित्त विभाग ने जुलाई से 11 प्रतिशत बढ़े डीए व डीआर को शामिल करते हुए 28 फीसदी के भुगतान का प्रस्ताव वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के माध्यम से मुख्यमंत्री को मंजूरी के लिए भेजा है। जुलाई के डीए का भुगतान कार्मिकों के भविष्य निधि खाते (जीपीएफ) में करने और अगस्त के वेतन से नकद भुगतान का प्रस्ताव है।