लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के काफी हद तक नियंत्रण में आने के बाद अब स्कूलों में भी पठन-पाठन शुरू कर दिया गया है। पहले कक्षा नौ से 12 और फिर छह से आठ तक के स्कूल खोलने के बाद एक सितंबर से प्राइमरी के स्कूलों के साथ मदरसों में भी शिक्षण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के तेज होने के कारण पठन-पाठन करीब पांच महीने से बंद था। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लम्बे समय से बंद मदरसों को भी एक सितम्बर से से खोल दिया जाएगा।
सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना की स्थिति में सुधार को देखते हुए मदरसों को खोलने का फैसला किया है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण बंद किए गए स्कूल अब फिर से पढ़ाई के लिए खुलने लगें हैं। इसी बीच सरकार ने एक सितंबर से मान्यता प्राप्त व अनुदानित मदरसों में भी कक्षा एक से कक्षा पांच तक की पढ़ाई भौतिक रूप से शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने इन मदरसों में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए पठन-पाठन भौतिक रूप से शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी है। उन्होंने कहा है कि इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाए। इससे पहले राज्य में सभी स्कूलों को भी चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों, मान्यता प्राप्त विद्यालयों एवं अन्य बोर्ड के तहत संचालित विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए शिक्षण कार्य 23 अगस्त से प्रारम्भ हो चुका है। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए शिक्षण कार्य पहली सितंबर से भौतिक रूप से प्रारम्भ किए जाने का निर्णय लिया गया है। कि बेसिक शिक्षा विभाग की भांति उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता, सहायता प्राप्त मदरसों में भी फौकानिया (कक्षा 6 से कक्षा 8 तक) के बच्चों के लिए शिक्षण कार्य 23 अगस्त से शुरू हो चुका है।
वहीं एक सितंबर से कक्षा एक से पांच तक के छात्रों की पढ़ाई भौतिक रूप से शुरू कर दी जाएगी। इस दौरान भी खास तौर पर सभी को निर्देश है कि कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।