प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गणित विषय के साथ बीटेक व बीएड धारक को टीजीटी अध्यापक भर्ती में शामिल होने का हकदार नहीं माना और याचिका खारिज कर दी है। सरकारी वकील का कहना था कि टीजीटी अध्यापक भर्ती योग्यता में गणित विषय से बीए या बीएससी डिग्री निर्धारित की गई है। इसमें समकक्ष डिग्री को मान्यता नहीं दी गई है और आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल 21 समाप्त हो चुकी है। ऐसे में याची कोई राहत पाने का हकदार नहीं हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रशांत सिंह की याचिका पर दिया है।
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याची का कहना था कि याची की नियुक्ति सर्वोदय विद्यापीठ इंटर कालेज मीरगंज, जौनपुर में तदर्थ रुप में प्रबंध समिति ने की है और अनुमोदन व वेतन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्रावली भेजी गई है। कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक को इस पर निर्णय लेने का निर्देश भी दिया था। किंतु कोई निर्णय नहीं लिया गया है
सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रदेश में कुल 1585 तदर्थ अध्यापक कार्यरत हैं। जिसमें से 1311 अध्यापकों को कोर्ट के आदेश से वेतन दिया जा रहा है। अब भी 274 अध्यापकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। याची का कहना था कि नियमानुसार वह तदर्थ अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया है और कॉलेज में कार्यरत है। यह नियुक्ति पद पर नियमित नियुक्ति होने तक ही की गई है और गणित विषय के साथ बीटेक व बीएड डिग्री धारक याची को भर्ती में शामिल होने योग्य नहीं माना गया।