लखनऊ: बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं सी परीक्षा नहीं देते, बल्कि स्कूलों की निगरानी करने वाले अफसरों को भी इंतिहान से 2-4 होना पड़ेगा। शासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी के कामकाज का पैमाना तय कर दिया है। विभिन्न योजनाओं व अन्य कार्यों के आधार पर उन्हें अंक मिलेंगे। 50 फ़ीसदी से कम अंक होने पर वह अनुत्तीर्ण मानें जाएंगे। जबकि 80% से अधिक अंक हासिल होने पर उत्कृष्ट का तमगा भी मिलेगा। यह अंक उनकी पदोन्नति और अहम जगहों पर तैनाती पाने में देखे जाएंगे।
सरकार का बेसिक शिक्षा की दशा सुधारने पर विशेष जोर है। इसी के तहत ऑपरेशन कायाकल्प चलाकर कि स्कूलों को संवारा गया है
शिक्षकों की नियुक्ति करने व छात्रों का नामांकन बढ़ाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। केंद्र व राज्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सुविधाएं देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं।
उनकी प्रगति जांचने के लिए शासन को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इन्हें लागू करने का जिम्मा बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी पर ही है कई बार आदेश जारी होने के बाद उनका पालन नहीं होता या फिर जैसे-तैसे उसे पूरा कर दिया जाता है। विशेष सचिव आरब सिंह की ओर से जारी आदेश मैं इन संकेतों को गोपनीय आख्या से जोड़ा जा रहा है। ताकि अधिकारी इस पर गंभीर रहे।