लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते सवा 4 साल में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिलने पर खुशी जताते हुए कहा है कि वह दौर भी था जब चयन आयोग और बोर्ड भ्रष्टाचार के लिए बदनाम थे। सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया कलंकित थी लेकिन अब यूपी में भारतीयों में जातिवाद परिवारवाद व भ्रष्टाचार के कलंक से निजात मिल चुकी है। आयोग की जड़ता पक्षधरता और अराजकता की नीति उत्तर प्रदेश मुक्त हो रहा चुका है। अब योग्यता प्रतिभा और मेरिट का सम्मान है।
अधिकारी अपनी अच्छे कार्यों के बल पर जिलाधिकारी कमिश्नर और सचिव तक बन सकते हैं कई बार ऐसे लोगों के कारण पदानवति निलंबन और बर्खास्तगी का दंड भोगने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में बेहतर यही है कि शुरुआत से भ्रष्टाचार से दूरी बनाए रखें।
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