सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि जरूरी नहीं कि बीमार होते ही कोई व्यक्ति खुद को किसी मेडिकल ऑफिसर को दिखायेगा , बहुतेरे लोग घरेलू उपचार से ठीक हो जाते हैं , जब कोई मेडिकल ऑफिसर को दिखाया ही नहीं तो ऐसे में वह व्यक्ति मेडिकल सर्टिफिकेट कैसे बनवा सकता है।
एक दिन का मेडिकल सर्टिफिकेट बनने का कोई लॉजिकल कॉन्सेप्ट ही नहीं है , दुनिया का ऐसा कौन सा डॉक्टर है जो जिस दिन मरीज को देखेगा उसी दिन उसे फिटनेस का सर्टिफिकेट दे देगा ।
एक दिन का चिकित्सीय अवकाश
बीमार होने के आधार पर यदि कर्मचारी एक दिन का अवकाश लेना चाहता है तो प्रायः यह सम्भव नहीं हो पाता कि कर्मचारी किसी डाक्टर के पास जाये और साधारण बीमारी के लिए उपचार कराये ।
ऐसी अवस्था में कर्मचारी के रजिस्टर्ड चिकित्सक का प्रमाणपत्र लाने में व्यावहारिक कठिनाई होती है , इस सम्बन्ध में कोई शासनादेश उपलब्ध नहीं है किन्तु माननीय सुप्रीम कोर्ट का एक निर्णय हुआ है जिसमें कहा गया है कि एक दिन के चिकित्सीय अवकाश हेतु चिकित्सा प्रमाणपत्र आवश्यक नहीं है ।