गोंडा : सरकारी अध्यापकों का अभिभावक सही आकलन नहीं करते हैं। स्कूल में बच्चों को न पढ़ाने की शिकायत आम है, लेकिन कोरोना काल में कंपोजिट विद्यालय महेवा गोपाल के शिक्षकों के प्रयास ने नजरिया बदला है। संक्रमण से बचाव को लेकर कक्षा शिक्षण बंद है। संसाधन विहीन बच्चों की शिक्षा न प्रभावित हो इसके लिए अध्यापकों ने गांव में ही पाठशाला पहुंचा दी है। छात्रों को पढ़ाने के साथ ही वैज्ञानिक प्रयोग के माध्यम से अंधविश्वास दूर कर रहे हैं। खास बात यह है कि अभिभावक शिक्षण के गवाह बन रहे हैं।
प्रधानाध्यापक भोला प्रसाद यादव, शिक्षक देव प्रकाश पांडेय व नजर मुहम्मद ने अभियान शुरू किया है। विद्यालय क्षेत्र के इमलिया, रेडवरिया व महेवा पुरवा के साथ ही कई अन्य मजरे में 150 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षक विद्यालय से शिक्षण सामग्री लेकर जाते हैं। विज्ञान के प्रयोग को लेकर भी सामान ले जाते हैं। स्कूल की तर्ज ही पढ़ाई कराई जाती है। अभिभावकों के सामने शिक्षण होने से वह रूबरू हो रहे हैं।
मनकापुर के महेवा गोपाल में बच्चों को पढ़ाते शिक्षक भोला प्रसाद यादव ’ जागरण
टीकाकरण को कर रहे प्रोत्साहित
शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के साथ ही अभिभावकों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करते हैं। गांव में लोगों को कोरोना से बचाव का गुर बताया जाता है। सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।
मुहैया करा रहे पाठ्य सामग्री
बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. विनय मोहन वन ने बताया कि शिक्षक मेहनत कर रहे हैं। संसाधन विहीन छात्रों को पाठ्य सामग्री मुहैया करा रहे हैं।