नई दिल्ली : एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और Pensioner के लिए बड़ी खबर है। महंगाई भत्ता (Dearness Allowance, DA) बढ़ने के बाद देशभर के सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उन्हें उनके महंगाई भत्ते का डेढ़ साल का Arrear भी मिल जाएगा। हालांकि इस सवाल पर सरकार का कुछ और ही कहना है। सरकार ने Rajyasabha में कहा है कि जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि के लिए कोई बकाया पेमेंट नहीं किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों का बड़ा नुकसान होगा।
क्या है कारण
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को रोकने का फैसला Covid -19 के कारण लिया गया था ताकि सरकारी वित्तीय संसाधनों पर दबाव कम हो सके। उन्होंने बताया कि Covid-19 महामारी से उत्पन्न संकट को देखते हुए विभिन्न संभावित तरीकों से संसाधन जुटाना जरूरी था, जिसमें 01.04.2020 से 31.03.2021 तक 12 महीने की अवधि के लिए संसद सदस्यों के वेतन में 30% की कमी करना भी शामिल था।
सांसदों की भी सैलरी कटी
सीतारमण ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रियों का वेतन संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 की धारा 3 में निर्दिष्ट समान दर पर है। चूंकि संसद सदस्यों को देय वेतन में 30% की कमी की गई केंद्रीय मंत्रियों का वेतन भी 30% कम कर दिया गया था। अधीनस्थ कर्मचारियों के संबंध में कोई वेतन कटौती या डीए कटौती नहीं की गई थी। उन्हें वेतन और डीए पूरा मिला। केवल डीए में अतिरिक्त वृद्धि को 01.01.2020 से 30,06.2021 तक रोक दिया गया था।
महंगाई भत्ता बढ़ाया
उन्होंने बताया कि सरकार ने केंद्र सरकार के 01 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते/महंगाई राहत की किस्तें जारी कर दी हैं, जो दिनांक 01.01.2020, 01.07.2020 और 01.01.2021 से देय थीं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को जुलाई, 2021 से 28% की दर (17% की मौजूदा दर के ऊपर 11%) पर महंगाई भत्ता/महंगाई राहत मिलेगी। 01.01.2020 से 30.06.2021 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ते की दर 17% पर रहेगी।