अब कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही परीक्षा से नहीं गुजरेंगे, बल्कि निगरानी करने वाले अफसर भी अग्निपरीक्षा से गुजरेंगे। इनका मूल्यांकन कर अंक दिए जाएंगे। अफसरों का मूल्यांकन थोड़ा कठिन होगा। बच्चे तो 50 फीसद से कम अंकों पर सेकेंड डिवीजन पास होते हैं, अफसर 50 फीसद से कम अंकों पर फेल माने जाएंगे।
बीएसए व ब्लाक एजुकेशन आफिसर (बीईओ) के लिए कामकाज का पैमाना तय किया गया है। विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन व अन्य कार्यों के आधार पर उनको अंक दिए जाएंगे। कायाकल्प के तहत स्कूलों को संवारना हो, निरीक्षण, नामांकन या शिक्षकों से संबंधित कार्य हों, हर गतिविधि के अंक तय किए गए हैं। अफसरों को 50 फीसद तक अंक मिलते हैं तो संतोषजनक ही कहा जाएगा। इससे कम पर उनको अनुत्तीर्ण करार दिया जाएगा। इन अंकों को अफसरों के प्रमोशन व अच्छी जगह स्थानांतरण में भी आधार बनाया जाएगा।
पहले था कार्य दक्षता संकेतक: शासन ने पहले भी योजनाओं के सही से क्रियान्वयन के लिए कार्य दक्षता संकेतक तय किया था। अब इसमें बदलाव कर नए तरीके से लागू करने का फैसला किया गया है।
योजनाओं व गतिविधियों के सही क्रियान्वयन के लिए शासन ने व्यवस्था बनाई है। शासन के आदेशों के अनुरूप बेहतरी से काम किया व कराया जाएगा।
सत्येंद्र कुमार ढाका, बीएसए