लखनऊ : आर्थिक रूप से कमजोर मेधावियों को शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति की जानकारी नहीं हो पाती जिससे वे लाभ से वंचित रह जाते हैं। इसके लिए अब दो अक्टूबर और 26 जनवरी को हर जिले में समारोह आयोजित करके जागरूक करने की तैयारी शुरू हो गई है। जिला स्तरीय आयोजन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और जिले के समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों को दी गई है। मंगलवार को होने वाली विभागीय बैठक में समारोह के प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है।
पहली बार होने वाले अपनी तरह के इस पहले आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए जिला प्रशासन को सभी जिलों के विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय बनाने और प्रभारी मंत्रियों और जन प्रतिनिधियों का बुलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। 31 अगस्त तक आवेदन करने वाले सभी छात्रों (नवीनीकरण कराने वाले विद्यार्थी) को दो अक्टूबर को शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जाएगा। एक जिले में 200 से 300 छात्रों को समारोह में शरीरिक दूरी व कोरोना नियमों के तहत बुलाया जाएगा, लेकिन आवेदन करने वाले पात्र सभी छात्रों के खाते में आनलाइन भुगतान कर दिया जाएगा। पहली बार नए आवेदन करने वाले छात्रों को 26 जनवरी को दुबारा होने वाले समारोह के साथ भुगतान सीधे खाते में भेजा जाएगा। पहली बार होने वाले समारोह को सफल बनाने के लिए हर जिले को विभाग की ओर से एक लाख रुपये का अतिरिक्त बजट भी दिया जाएगा।
पांच लाख छात्रों को मिलेगा लाभ:
दो अक्टूबर को राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिलों में होने वाले समारोह के साथ ही पांच लाख विद्यार्थियों के खाते में शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान कर दिया जाएगा। 31 अगस्त के बाद बढ़ी आवेदन तिथियों (30 सितंबर और 10 अक्टूबर) तक आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान सीधे उनके खाते में किया जाएगा। नई नियमावली के अनुसार 26 जनवरी तक भुगतान प्रक्रिया पूरी करने का प्रावधान किया गया है।
समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक, पीके त्रिपाठी ने बताया कि छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के प्रति छात्रों को जागरूक करने के लिए पहली बार समारोह आयोजित किया जा रहा है। दो अक्टूबर और 26 जनवरी को होने वाले समारोह का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मंगलवार को होने वाले विभागीय बैठक में इस पर मुहर लगने की संभावना है। कोरोना संक्रमण के चलते सीमित संख्या में ही लोग शामिल होंगे।